सोच को बदलने वाली Best Inspirational story in Hindi

P V Sindhu inspirational story in hindi
P V Sindhu inspirational story in hindi

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Short Inspirational Story in Hindi – 1

पीवी सिंधु – P. V. Sindhu एक झलक

किसी ने क्या खूब कहा है कि अगर मुश्किल हो मंजिलें तो हार मत मानना कठिन हो अगर रास्ते एक बार चलकर जरूर जाना क्योंकि मंजिल उन्हीं को मिलती है जो बिना हार माने कठिन रास्तों पर चलने का निर्णय करते हैं ।

ऐसा ही इस निर्णय भारत की बेटी जिसे आज हम सब जानते हैं उन्होंने लिया था और आज हम सब उन्हें पीवी सिंधु के नाम से जानते हैं और पहचानते भी हैं ।

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अपने खेल के दम पर वह हमारे भारत का काफी बार प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं पर बहुत कम लोग हैं जो उनके पूरे खेल के सफर के बारे में जानते हैं तो आइए आज हम उनके खेल के सफर की एक झलक देखते हैं ।

हर बार देश को दिलाया सम्मान

पीवी सिंधु ने हमेशा अपने खेल से भारत के लिए इतिहास रचा है चाहे मुकाबला कोई भी सही , कहीं भी सही उन्होंने हमेशा भारत को गर्वित ही महसूस कराया हैं।
पीवी सिंधु का खेल में इंटरनेशनल करियर 2009 में शुरू हुआ था।

Best inspirational story in hindi P V Sindhu
inspirational story in hindi P V Sindhu (image credit twitter)

P.V. Sindhu जीवन परिचय

पीवी सिंधु का पूरा नाम पुसरला वेंकटा सिंधु है उनका का जन्म 5 जुलाई 1995 को तेलंगाना , हैदराबाद में हुआ था । उनके पिता का नाम टीवी रमणा और माता का नाम पी विजया है । उनके माता-पिता खेल से जुड़े हुए थे और दोनों ही वॉलीबॉल के खिलाड़ी थे ।

इसका फायदा पीवी सिंधु को यह रहा कि उनको कभी भी खेल के लिए रोका नहीं गया। वॉलीबॉल से अलग जा कर पीवी सिंधु ने बैडमिंटन में अपना करियर चुना।
पीवी सिंधु की बड़ी बहन भी है जो एक डॉक्टर है ।

पीवी सिंधु ने 8 साल की उम्र में ही डिसाइड कर लिया था कि वे बैडमिंटन को ही अपना करियर बनाएंगी।

वे बचपन से ही पुलेला गोपीचंद से काफी ज्यादा प्रेरित रही जोकि ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप जीते थे और हैदराबाद से ही बिलॉन्ग करते थे , वही आगे चलकर पीवी सिंधु के कोच बने। वर्ष 2004 मैं उन्होंने अपने प्रेरक पुलेला गोपीचंद से ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया ।

कुछ सीखने का जुनून

पीवी सिंधु के घर और स्पोर्ट्स अकैडमी मैं 56 किलोमीटर का डिस्टेंस था पर फिर भी वे सुबह जल्दी उठकर सीखने के लिए जाती थी ।

उनका शुरू से खेल के प्रति काफी जुनून रहा है इसीलिए उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया है की जब वह 21 वर्ष की थी तब उन्होंने अपने कोच के कहने पर मोबाइल 8 महीने तक नहीं छुआ था क्योंकि उनके कोच का कहना था कि उनका मोबाइल खेल के लिए डिस्ट्रेक्शन पैदा कर रहा है।

इस घटना से हम उनका खेल के प्रति जुनून आसानी से देख सकते हैं।

 देश नाम गर्व से ऊंचा किया

वर्ष 2013 में पीवी सिंधु ने अपने खेल में ऊंचाइयों की पहली सीढ़ी चढ़ी जब उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप मैं वर्ल्ड बैडमिंटन में अपनी पहचान बनाई इसके बाद रियो ओलंपिक में भी उन्होंने भारत का नाम गर्व से ऊंचा किया ।

P V Sindhu inspirational story in hindi 1
P V Sindhu inspirational story in hindi (image credit twitter)

रियो ओलंपिक में वे पहली भारतीय महिला रही जिन्होंने सिल्वर मेडल जीता था । पीवी सिंधु ने रियो ओलंपिक के बाद 16 मैचेस मैं पार्टिसिपेट करा और 5 मैच में खिताब अपने नाम किया । इससे उन्होंने यह साबित किया की कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।

A Short Inspirational story in Hindi of पीवी सिंधु जिस ने जीवन में कभी हार नहीं मानी और इसी का नतीजा था कि उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में मात्र 36 मिनट में खेल अपने नाम कर लिया ।

P. V. Sindhu को खूब बेहतरीन बैडमिंटन खेलने के लिए

  • 2013 मैं अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया
  • 2014 में एफ आई सी सी आई ने स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ द ईयर
  • 2015 मैं पद्मश्री और 2016 में राजीव गांधी खेल रत्न से नवाजा गया।

पीवी सिंधु के खेल और मेडल जीतने का सिलसिला अभी भी जारी है।
पीवी सिंधु की जिंदगी से सबको एक बात जरूर सीखनी चाहिए की हमे कभी भी हार नहीं माननी चाहिए।

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Short Inspirational Story in Hindi – 2

inspirational story in hindi Lovlina Borgohain
Lovlina Borgohain inspirational story in hindi (image credit twitter)

कहानी खिलाड़ी Lovlina Borgohain की

लवलीना को हमेशा से ही उनकी मां ने कुछ कर दिखाने की और कुछ बन जाने की सीख दी । उनकी मां ने हमेशा से उनको हौसला दिया और यह विश्वास दिलाया की वे कुछ कर के दिखा सकती हैं।

संडे के दिन लवलीना के पापा अखबार के एक कागज में मिठाई पैक करा कर लाए और कागज पर मोहम्मद अली की एक खबर हुई छपी थी।

उस खबर को देखकर उनके पापा ने उनको मोहम्मद अली के बारे में बताया। उस वक्त लवलीना ने पहली बार बॉक्सिंग के बारे में सुना था।
इसी घटना से पता चलता है कि उनकी जिंदगी कितने संघर्ष से भरी है।

जीवन परिचय

अगर हम संघर्ष को इंसानी रूप दे तो उसका जन्म भारत में 2 अक्टूबर 1997 मैं होता और हुआ भी जिसको हम लवलीना के नाम से जानते हैं।
लवलीना के पिता की मासिक तनख्वाह कुछ 1300 रुपए हुआ करती थी जिसमें वे लवलीना के खेल में पहने जाने वाले कपड़े जिसे हम ट्रैक सूट कहते हैं वह भी नहीं दिला पाते थे पर लवलीना की सबसे खास बात यही थी की उन्होंने कभी जिद नहीं करी।

मेहनत के साथ किस्मत ने भी दिया साथ

पर शायद किस्मत को भी उनका साथ देना था इसीलिए जब वे 9वी कक्षा में थी तभी उनका चयन स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया मैं हुआ और वही से उनको प्रशिक्षित करने की तैयारी शुरू की गई।

वे मार्शल आर्ट्स में काफी अच्छी थी इसलिए कोच का ध्यान उन पर गया और स्पोर्ट्स अथॉरिटी में उनका सिलेक्शन हुआ। लवलीना के शिक्षक कहते है कि उनमें डर बहुत था वह डर निकलने में काफी वक्त लगा।

खेल के शुरुवाती दिनों में ही अच्छा प्रशिक्षण मिलने से उनका हौसला बढ़ा और उनके खेल में काफी सुधार आया।

जब उन्होंने देश का गौरव बढ़ाया

उन्होंने पहली बार एशियन चैंपियनशिप में खेला और देश के लिए ब्रोंज मेडल जीता। ओपन में गोल्ड जीतने की वजह से उनका सिलेक्शन कॉमन वेल्थ गेम्स मैं हुआ ।
इसके बाद दो वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए और फिर ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया।

पर इन सभी में लवलिना को कभी ब्रोंज तो कभी सिल्वर मेडल ही हासिल हुआ। पर उनकी मंजिल गोल्ड ही थी। उनके कोच ने हमेशा उनको सपोर्ट किया है ।

Best inspirational story in hindi Lovlina Borgohain
Best inspirational story in hindi Lovlina Borgohain (image credit twitter)

देश के लिए सीख साबित हुई

Lovlina Borgohain an inspirational story in Hindi for youth भारत देश के 136 करोड़ लोगों के लिए एक सीख है, पर देखना ये होगा की क्या एक दिन लवलिना की मेहनत देश के युवा के लिए प्रेरणा साबित होती है या नही ?

P.V.Sindhu and Lovlina Borgohain are the world level players, their life journey is a true and real inspirational story in Hindi for the new aspirants.

https://successkeys.in/success-story-hindi-ias-nitin-shakya/

लेखक:

Kalpesh Sharma

लेखक, समाज सेवी एवं गौसेवा में समर्पित जीव प्रेमी

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