जिस पहाड़ ने रास्ता रोका हथौड़े से उसे ही चीर डाला

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Best motivational story in hindi: बताते हैं पहाड़ तोड़ने वाले माउंट मैन दशरथ मांझी के विषय में

दशरथ मांझी Best motivational story in hindi
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जिसने रास्ता रोका उसे ही चीर डाला

दशरथ मांझी, प्रेम और मोहब्बत की एक अनोखी मिशाल पेस कर एक ऐसा कार्य करने वाला इंसान जिसे इंसानी जज्बे औऱ जुनून का उदाहरण माना गया। वो दीवानगी, जो प्रेम की खातिर ज़िद बन गयी और तब तक चैन से नहीं बैठा जब तक कि पहाड़ को चीरकर दो हिस्सों में नहीं बांट दिया।

जिस पहाड़ ने उसका रास्ता रोका,उसे ही चीर दिया।बिहार में गया के नजदीक गहलौर गांव में दशरथ मांझी के माउंटन मैन बनने का सफर उनकी पत्नी प्रेम की कहानी का ज़िक्र किए बिना अधूरा है।

गहलौर और अस्पताल के बीच खड़े विशालकाय जिद्दी पहाड़ की वजह से साल 1959 में उनकी पत्नी फाल्गुनी देवी को पहाड़ घूमकर जाने की वजह से बहुत लंबी दूरी तय करनी पडी जिससे उन्हें समय रहते इलाज न मिल सका और वे चल बसीं।औऱ यहाँ से शुरू होता हैं दशरथ मांझी का बदला

22 वर्षों की जीतोड़ मेहनत (A short motivational story in hindi)

बीवी के दुनिया छोड़कर चले जाने के दुःख से दुःखी मांझी ने अपनी पूरी ताकत मिलाकर पहाड़ पे बार करने का निर्यण लिया।परन्तु यह बिल्कुल भी आसान नहीं था।प्रारम्भ में उन्हें लोगों द्वारा पागल तक कहा गया। दशरथ मांझी ने बताया था, ग्रामीणों ने शुरू में कहा कि में पागल हो गया हूं, लेकिन उनके तानों ने मेरे हौसले को और मजबूत किया।

अकेला शख्स पहाड़ भी तोड़ सकता हैं

मांझी ने साबित किया कि अकेला व्यक्ति पहाड़ भी फोड़ सकता है।वर्ष 1960से1982 के बीच लगातार दिन-रात मांझी के दिलो-दिमाग में एक ही चीज़ ने घर कर रखा था।

पहाड़ से अपनी बीवी की मौत का बदला लेना और 22 साल जारी रहे जुनून ने अपना नतीजा दिखाया और विशालकाय पहाड़ ने मांझी से हार मान ली और पहाड़ को काटकर उसके बीच से 30 फीट चौड़ाई वाला रास्ता छोड़ दिया।

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मांझी इस संसार से चले गए लेकिन यादों में बस गए

दशरथ मांझी के गहलौर पहाड़ का सीना चीरने से जिला गया के अतरी से वज़ीरगंज ब्लॉक के बीच का दायरा 80 किलो मीटर से घटकर 13 किलो मीटर रह गया।

केतन मेहता जी ने उन्हें गरीबों का शाहजहां करार दिया था। साल 2007 में जब 73 वर्ष की उम्र में वो जब दुनिया छोड़ गए तो पीछे रह गई पहाड़ पर लिखी उनकी वो कहानी,जो आने वाली कई पीढ़ियों को सबक सिखाती रहेगी औऱ याद दिलाती रहेगीं कि एक व्यक्ति ने किस तरह अपने पत्नी की मौत का कारण बनने वाले विशालकाय पहाड़ को काटकर 2 हिस्सो में बांट दिया और 80km दूरी को महज 13 किमी में तब्दील कर डाला।

The mountain man Dashrath Manjhi motivational story in hindi
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जिससे भविष्य में किसी व्यक्ति विशेष को उस समस्या का सामना न करना पड़े जो दशरथ मांझी ने किया।उन्होंने अपनी मेहनत और जिद के दम पे उस समस्या का स्थायी समाधान कर दिया।

हथौड़े से पहाड़ तोड़ने वाले दशरथ मांझी Success Story Hindi
हथौड़े से पहाड़ तोड़ने वाले दशरथ मांझी  best motivational story in hindi

मशहूर निर्देशक Ketan Mehta ने दशरथ मांझी पे शानदार फिल्म बनाई थी

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SUCCESS STORY HINDI: कचरे के डिब्बे की भी जगह बदलती है तू तो फिर भी इंसान है

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लेखक:

Kalpesh Sharma

लेखक, समाज सेवी एवं गौसेवा में समर्पित जीव प्रेमी