motivational story in hindi : पिता दर्जी, अख़बार बेचकर स्कूल की फीस भरी, दोस्त से उधार की किताबों से बन गए IAS

IAS नीरीश राजपूत
IAS नीरीश राजपूत motivational story in Hindi

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IAS motivational story in Hindi

आज हम बात करेंगे 2015 के बैच के IAS नीरीश राजपूत के बारे में जिनकी IAS बनने तक कि कहानी बहुत ही अनोखी कहानी है जिसमे कभी दोस्त से धोखा खाया तो कभी अखबार बेचा और आखिर में बन गये IAS

IAS नीरीश राजपूत मध्यप्रदेश के भिंड जिले से थे, परिवार काफी गरीब था उनके पिता परिवार के पालन पोषण के लिये सिलाई का कार्य किया करते थे तब जाकर परिवार को 2 वक़्त की रोटी मिला करती थी |

कई बार उनके पिता को अपने पड़ोसियों या मिलने वालों से उधार लेकर भी काम चलाना पड़ता था, परिवार की आर्थिक हालात देख कर नीरीश ने ठान लिया था कि मेहनत कितनी भी करनी पड़े पर कुछ बन कर जरूर मानेंगे|

नीरीश बचपन से ही पढ़ने में बहुत होशियार थे तो उन्होंने ठान लिया कि अब और अधिक मन लगा कर पढ़ेंगे और मेहनत करेंगे औऱ अपने परिवार की आर्थिक तंगी को दूर करेंगे|

अख़बार बेचकर पढ़ाई करी

नीरीश अपनी आगे की पढ़ाई के लिये अपने गांव से ग्वालियर चले आये और यहां एक प्राइवेट नौकरी पकड़ ली। यहां से उन्होंने नौकरी के साथ साथ बीएससी और एमएससी की और दोनों में टॉप किया।

ग्वालियर पढ़ाई के समय मे उन्हें कॉलेज की फीस, नोट्स आदि की जरूरत पड़ती तो उसके लिये घर से पैसे मदद नही मिल पाती थी।

फीस, नोट्स के लिये पैसों का इंतजाम करने के लिये उन्होंने अखबार बेचना शुरू कर दिया और अखबार बेच के जो पैसा मिलता उससे वह अपने नोट्स खरीदते थे और पढ़ते थे।

IAS नीरीश राजपूत motivational story in hindi
IAS नीरीश राजपूत motivational story in Hindi

धोखे से सबक लिया

ग्वालियर में पढ़ाई के दौरान नीरीश के एक दोस्त ने कोचिंग इंस्टीट्यूट खोला और उसने नीरीश को अपने इंस्टिट्यूट में पढ़ाने के लिये बुला लिया और कहा कि अगर इंस्टिट्यूट अच्छे से चल जायेगा तो दोनों इसे आगे बढ़ाएंगे और दोनों की इनकम का जरिया बन जायेगा।

नीरीश पढ़ने में तो होशियार थे ही उन्होंने खूब मेहनत से इंस्टिट्यूट में बच्चों को पढ़ाया और उनकी मेहनत रंग लाई आखिर कार वो कोचिंग इंस्टिट्यूट 2 सालों में अच्छे से चल पड़ा लेकिन नीरीश के दोस्त को अब नीरीश चुभने लगे थे और उन्होंने नीरीश को कोचिंग इंस्टिट्यूट से बेइज्जत कर के निकाल दिया।

एक बार फिर किस्मत ने नीरीश को निराश किया या यूँ मानो कि उनकी किस्मत में वो इंस्टिट्यूट नही था दोस्त से धोखा खाने के बाद नीरीश एक बार फिर हताश थे|

वो ग्वालियर से दिल्ली चले गये वहां एक दोस्त जो कि IAS की तैयारी कर रहा था उसके पास रहने लगे नीरीश के पास कोचिंग के लिये पैसे नही थे तो वो उस दोस्त के नोट्सों से ही पढ़ाई करने लगे।

और खुद से तैयारी में जुट गये 3 बार असफल होने के बाद आखिर कर उन्होंने UPSC की सिविल सर्विसेज परीक्षा में 370 रैंक मिली और बन गए IAS।

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लेखक:

Ajeet Sharma

नई बिज़नेस आइडियाज, मोटिवेशनल कहानियां, एवं टेक्नोलॉजी से सम्बंधित लेख लिखना मेरा शौक है।

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