IAS बनने के लिए छोड़ी नौकरी, 12 घंटे रोजाना पढ़ाई, माता-पिता ने 4 साल TV नहीं देखा

Jagrati Awasthi UPSC Topper: A short motivational story in Hindi

A short motivational IAS Success story in Hindi
Jagrati Awasthi UPSC Topper – A short motivational story in Hindi

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संघर्ष की कहानी जाग्रति अवस्थी IAS

UPSC 2020 का रिजल्ट जारी ही गया हैं। परिणाम आने के बाद लड़कियों का दबदबा जारी हैं।

कुल 761 अभ्यर्थियों में 216 महिलाओं ने परचम लहरा दिया। पहले स्थान बिहार के शुभम ने किया और दूसरा स्थान भोपाल की जागृति अवस्थी का रहा। जाग्रति ने वैकल्पिक विषय के तौर पे समाज शास्त्र की परीक्षा पास की हैं।

उनकी सफलता कई मायनों में खासियत रखती हैं, जो सबसे अलग हैं। IAS बनने के लिए जागृति के साथ साथ उनके माता पिता ने बहुत सी चीजों का त्याग किया तब उसके फलस्वरूप IAS परीक्षा पास हुई।

जाग्रति ने UPSC की तैयारी के लिए इंजीनियर की नौकरी छोड़ी तो वही उनके माता पिता ने 4 साल तक TV को बिल्कुल बन्द करके रख दिया जिससे उनकी बेटी का पूरा पूरा ध्यान सिर्फ सिर्फ परीक्षा की तैयारी पे ही रहें।

आइए आपको बताते हैं UPSC में बेटियों का नाम रोशन करने वाली जागृति अवस्थी के बारे में

पारिवारिक परिचय

24 वर्ष की जागृति अवस्थी भोपाल मध्यप्रदेश की रहने वालीं हैं। उनके परिवार में एक भाई एवं माता पिता हैं। जाग्रति के पिता SC अवस्थी पेशे से होम्योपैथ Doctor हैं, तो उनकी मां स्कूल में अध्यापक हैं।

माँ ने जाग्रति की UPSC की तैयारी में मदद करने के लिए उन्होंने अपनी अध्यापक की नौकरी छोड़ दी थीं, जाग्रति का एक भाई हैं जो MBBS दूसरी वर्ष का छात्र हैं।

जाग्रति की शिक्षा Education

जाग्रति अवस्थी ने भोपाल के मौलाना आजाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया, वर्ष 2016 में जागृति ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की थीं।

जिसके बाद जाग्रति गेट की परीक्षा में शामिल हुई और उसमें सफलता हाशिल करने के बाद BHEL में बतौर Technical Officer नौकरी करने लगीं।

हालाकिं जाग्रति का सपना civil services में आने का था। जिसके चलते उन्होंने अपनी इंजीनिअर की नौकरी छोड़कर UPSC की तैयारी करने का निर्णय लिया।

अपने सपने को पूरा करने के लिए अच्छी खासी सरकारी इंजीनियर की BHEL की नौकरी को छोड़कर UPSC की तैयारी में लगने का निर्णय करने वाली जाग्रति का दृढ निश्चय एवं मनोबल उस समय कितना रहा होगा इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता हैं।

IAS बनने के लिए छोड़ी इंजीनिअर की नौकरी

साल 2019 में जाग्रति ने IAS अफसर बनने के सपने को लेकर ठान लिया और अपनी BHEL की इलेक्टिकल इंजीनिअर की नौकरी छोड़ने का कठिन निर्यण लिया जिसमें उनके माता पिता ने भी साथ दिया।

जाग्रति ने UPSC तैयारी के लिए दिल्ली के एक संस्थान में एडमिसन ले लिया। हालांकि कोरोना संकट एवं लोक डाउन की वजह से उन्हें भोपाल लौटना पड़ा।

लेकिन उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत जारी रखीं, उन्होंने online क्लासेस ली और घर से भी अपनी तैयारी लगातार जारी रखीं।

कोरोना-काल की मुश्किलों का बावजूद भी उन्होंने अपनी तैयारी में बिल्कुल भी कमी नहीं आने दी और लगातार मेहनत जारी रखीं तो वही उनके माता पिता ने भी बेटी की तैयारी में तमाम तरह के त्याग किये जिससे जाग्रति अपने लक्ष्य से ही ध्यान केंद्रित रखें और उनके इस त्याग का उन्हें प्रतिफल भी मिला।

jagrati awasthi A short motivational IAS Success story in Hindi
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जाग्रति की सफलता का सफर – IAS Success Story in Hindi

IAS बनने के लिए जाग्रति ने इंजीनियर की नौकरी छोड़ी तो साथ ही उनके माता पिता ने भी बहुत कुछ त्याग किया। उनकी मां ने बेटी की तैयारी में मदद करने के लिए अपनी अध्यापक की नौकरी छोड़ी और जाग्रति की तैयारी में खलन न पड़े उसके लिए उनके माता पिता ने 4 वर्षों तक घर मे TV को ON तक नहीं किया गया।

ये सारे बलिदान जाग्रति को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहें। पहले प्रयास में प्रीलिन्स परीक्षा पास भी न हो सकीं। लेकिन उन्होंने हार से सबक लिया और अपनी मेहनत को और अधिक द्रणनिश्चय में बदलकर फिरसे तैयारी में लग गई और दूसरी बार मे all india 2nd rank हाशिल की, और टॉपर बन गई।

12 घंटे रोजाना पढ़ाई की मेहनत और दृढ निश्चय के बल पे उन्होंने अपने लक्ष्य को पाकर ये साबित कर दिया कि मेहनत के दम पे आप कुछ भी पा सकते हैं।

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निष्कर्ष short motivational Story in Hindi

जाग्रति अवस्थी की सफलता की कहानी से एक बात साफ हैं, कि अगर आप अपने सपने को साकार करने के लिए दृढ निश्चय के साथ मेहनत शुरू करते हैं। तो कोई ऐसा सपना नहीं जो मेहनत के दम पे पूरा न हो सके।

जाग्रति अवस्थी ने IAS अफसर बनने के लिए एक अच्छी सरकारी नौकरी को छोड़ने का निर्णय, साथ मे उनकी माता ने भी बेटी की तैयारी में मदद के लिए अध्यापक की नौकरी छोड़ने का निर्णय ही बताता हैं कि उनके मन में अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए कितनी लग्न और जोश भरा हुआ था।

जिसकी वजह से उन्होंने दूसरे ही प्रयास में All India Rank -2, women टॉप रैंक हाशिल कर मिशाल पेश की कि मेहनत के दम पे कुछ भी हाशिल किया जा सकता हैं।

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लेखक:

Kalpesh Sharma

लेखक, समाज सेवी एवं गौसेवा में समर्पित जीव प्रेमी

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