Mahatma Gandhi : वकालत से लेकर राष्ट्रपिता तक की प्रेरक कहानी

साबरमती के संत—-महात्मा गांधी Mahatma Gandhi

Mahatma Gandhi Kasturba Gandhi Photo
महात्मा गाँधी एवं कस्तूरबा गाँधी – 1902

अहिंसक सिद्धांत के प्रवर्तक दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग
बिना ढाल साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल

जगृति फिल्म के इस गीत को सुनते ही बापू की छवि सबके मानस पटल पर उभर आती है। अहिंसा, सत्याग्रह, आस्था , अपरिग्रह ब्रह्मचर्य ऐसे गुणों और विचारों से ओतप्रोत भारत के राष्ट्पिता महात्मा गाँधी अहिंसक सिद्धांत के साथ भारत को आज़ादी दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते हैं।

अपनी माँ से अहिंसा की प्रेरणा पाने वाले श्री गाँधी ने अपने अफ्रीका प्रवास के दौरान अनेकों बार अपमान सहा लेकिन अहिंसा और सत्याग्रह का मार्ग नहीं त्यागा।

पूरा नाम (Full Name) मोहनदास करमचन्द गांधी (महात्मा गांधी), बापू
जन्मदिन (Birth Date) 2 अक्टूबर, 1869
जन्म स्थान (Birth Place) पोरबन्दर, गुजरात
मृत्यु (Death Date) 30 जनवरी 1948 (बिरला भवन दिल्ली)
राजनैतिक पार्टी (political party) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस(Indian National Congress)
शिक्षा (Education)  अल्फ्रेड हाई स्कूल, राजकोट (Alfred High School)

यूनिवर्सिटी कॉलेज, लन्दन [University College London (UCL)]

MS – स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय Stanford University

MBA – पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी (University of Pennsylvania)

धर्म (Religion) हिंदू (Hindu)
भाषा का ज्ञान (Language)  हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती
कद (Height)  164 सेन्टीमीटर
पेशा (Occupation) राजनीतिज्ञ [Politician], वकालत [advocacy], पत्रकारिता [Journalism], दार्शनिक [Philosopher],

क्रांतिकारी [Revolutionary]

Mahatma Gandhi wife name (पत्नी का नाम) कस्तूरबा गांधी (Kasturba Gandhi)
बच्चों के नाम हरिलाल मोहनदास गांधी

मणिलाल गाँधी

रामदास गांधी

देवदास गांधी

पिता का नाम (father)  करमचंद गाँधी (Karamchand Gandhi)
माता का नाम (mother) पुतलीबाई करमचंद गांधी (Putlibai Karamchand Gandhi)

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मां से अधिक प्रभावित थे Mahatma Gandhi जी

2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्मे मोहनदास गांधी के पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई था |

वैषणव धर्म का पालन करने वाले गांधी अपनी माँ से बहुत प्रभावित थे। उनका सादा और सरल जीवन उनकी माता के प्रभाव के कारण ही था।

गांधी जी के पिता ब्रिटिश हुकूमत में पोरबंदर और राजकोट के दीवान थे।

Mahatma Gandhi Bapu
महात्मा गांधी Bapu

तीन भाइयों में सबसे छोटे गाँधी जी की मात्र भाषा गुजरती थी लेकिन उनके जीवन पर भारतीय जैन धर्म का गहरा प्रभाव था। यही कारण था कि वह सत्य और अहिंसा में अटूट विश्वास करते थे और आजीवन उसका पालन भी किया। गांधी जी ने अल्फ्रेड हाई स्कूल, राजकोट से पढ़ाई की थी।

अफ्रीका से की सत्याग्रह की शुरुआत

महात्मा गांधी ने भारत में आज़ादी दिलाने का बीड़ा उठाया लेकिन इसकी शुरुआत उन्होंने दक्षिण अफ्रीका से कर दी थी।

उन्होंने वहां भेदभाव को लेकर कई जन आंदोलन किये जिससे वहां के संपूर्ण समाज में नई जागृति, नई चेतना तथा नया संकल्प श्री गाँधी ने भर दिया। इसलिए भारत में ही नहीं दक्षिण अफ्रीका में भी उन्हें बहुत सम्मान मिलता है।

गांधी जी की कई पीढ़ी आज भी वहां रहती हैं। गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका के सत्याग्रह संघर्ष के दौरान, जोहांसबर्ग से 21 मील दूर एक 1100 एकड़ की छोटी सी कालोनी, टॉलस्टॉय फार्म स्थापित की थी। उनका लेखक टॉलस्टॉय से अच्छा व्यवहार था।

Mahatma Gandhi जी की दृष्टि में ब्रह्मचर्य

आम तौर पर ब्रह्मचर्य का अर्थ है शारीरिक सम्बन्ध स्थापित न करना, माना जाता है लेकिन गांधीजी इससे आशय था कि आप अपनी सभी इंद्रियों पर नियंत्रण रखें।

सही मायने में यही ब्रह्मचर्य है। इन्द्रियां चाहे स्वादेंद्रिय हो या कामेंद्रिय।

महात्मा गाँधी सभा में
महात्मा गाँधी सभा में

इसी कारण उन्होंने 1906 में ही कस्तूरबा गांधी से शारीरिक दूरी बना ली थी। इसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी से कभी सम्बन्ध नहीं बनाये। उनका मानना था की ब्रह्मचर्य शारीरिक ही नहीं मानसिक भी होना चाहिए।

शहीद दिवस के रूप में मनाई जाती है पुण्य तिथि

30 जनवरी 1948 की सुबह यूँ तो रोज की ही तरह थी लेकिन कोई नहीं जानता था कि सबके प्यारे बापू आज नहीं रहेंगे। देश में बंटवारे को लेकर हालात असामान्य थे। इससे गांधी जी भी क्षुब्ध थे। मन कुछ ठीक नहीं था। फिर भी मुलाकातों का दौर चल रहा था।

30 जनवरी को गांधी जी शाम को करीब चार बजे सरदार पटेल से मिले। दरअसल, सरदार पटेल की मुलाकात के बाद उन्हें पांच बजे प्रार्थना सभा में शामिल होना लेकिन बातचीत कुछ ज्यादा खिंच गई। इसके बाद गांधी जी प्रार्थना सभा की ओर बढे। सभी लोग उनका अभिनन्दन कर रहे थे।

इसी बीच नाथूराम गोडसे ने नमन करते हुए उन्हें गोली मार दी। इस दिन को शहीद दिवस के रूप में आज भी मनाया जाता है।

गांधी जी के जीवन में शुक्रवार का संयोग

गांधी जी के जीवन में शुक्रवार के दिन की खासियत रही है। गांधी जी का जन्म शुक्रवार के दिन ही हुआ था।

भारत की आज़ादी जिसके लिए गाँधी जी ने तमाम आंदोलन चलाये वह आज़ादी भी भारत को शुक्रवार को ही मिली थी।और गांधी जी की हत्या भी शुक्रवार के ही दिन बिरला भवन में हुई थी।

महात्मा गाँधी अनमोल विचार
महात्मा गाँधी अनमोल विचार

विदेशों में भी मिलता रहा सम्मान

जिन फिरंगियों के खिलाफ उन्होंने भारत में अहिंसा के सहारे जंग छेड़ी थी उसी ब्रिटेन ने 21 साल बाद उनके नाम का टिकिट जारी किया।

यही नहीं विदेश में उनके नाम पर 48 सड़के भी हैं। भारत में कुल 53 बड़ी सड़कें महात्मा गांधी के नाम पर बनी हुई हैं।

2 अक्टूबर 2015 में गांधी जयंती के दिन भारत में स्वच्छता अभियान की शुरुआत की गई। क्योंकि गांधी जी स्वच्छता के पूर्ण समर्थक थे। ये अभियान सफल रहा है और आज भी जारी है।

mahatma gandhi swachata mission
राष्ट्रपिता Mahatma Gandhi Swachata Mission

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के अनमोल विचार [Mahatma Gandhi quotes in Hindi]

1: “खुद वो बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।”… महात्मा गांधी जी

 2: “आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए।”… महात्मा गांधी जी

 3: “खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है, खुद को दूसरों की सेवा में खो दो।”… महात्मा गांधी जी

4: “आजादी का कोई अर्थ नहीं है यदि इसमें गलतियां करने की आजादी शामिल न हों।”… महात्मा गांधी जी

5: “डर शरीर का रोग नहीं है, यह आत्मा को मारता है।”… महात्मा गांधी जी

6: “उफनते तूफ़ान को मात देना है तो अधिक जोखिम उठाते हुए हमें पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़ना होगा।”… महात्मा गांधी जी

7: “ऐसे जिएं कि जैसे आपको कल मरना है और सीखें ऐसे जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है ।”… महात्मा गांधी जी

8: “आंख के बदले आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगी।”… महात्मा गांधी जी

9: “एक विनम्र तरीके से, आप दुनिया को हिला सकते हैं”… महात्मा गांधी जी

10: “गुलाब को उपदेश देने की आवश्यकता नहीं होती। वह तो केवल अपनी ख़ुशबू बिखेरता है। उसकी ख़ुशबू ही उसका संदेश है।”…  गांधी जी

11: “निःशस्त्र अहिंसा की शक्ति किसी भी परिस्थिति में सशस्त्र शक्ति से सर्वश्रेष्ठ होगी।”… महात्मा गांधी जी

12: “स्वतंत्रता एक जन्म की भांति है। जब तक हम पूर्णतः स्वतंत्र नहीं हो जाते तब तक हम परतंत्र ही रहेंगे ।”…  गांधी जी

 

13: “क्रूरता का उत्तर क्रूरता से देने का अर्थ अपने नैतिक व बौद्धिक पतन को स्वीकार करना है।” -महात्मा गांधी जी

14: “किसी भी स्वाभिमानी व्यक्ति के लिए सोने की बेड़ियां, लोहे की बेड़ियों से कम कठोर नहीं होगी। चुभन धातु में नहीं वरन् बेड़ियों में होती है।” – गांधी जी

15: “जिस दिन से एक महिला रात में सड़कों पर स्वतंत्र रूप से चलने लगेगी, उस दिन से हम कह सकते हैं कि भारत ने स्वतंत्रता हासिल कर ली हैं” – गांधी जी

महात्मा गाँधी के बारे और अधिक जानकारी यहाँ से प्राप्त करें

About Mahatma Gandhi speech

About Mahatma Gandhi Real Speech

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लेखक:

Manisha Upadhayay

Chief Editor of www.successkeys.in Manisha, Upadhaya is a Highly experienced Journalist. In the year 2008, she started her innings in the field of journalism from the Hindustan newspaper. She did excellent work in many newspapers including Amar Ujala, The Sea Express. For the last 15 years, she is the district correspondent of Doordarshan U.P. Also, Manisha Ji has been giving her services in Akashvani as a casual announcer for 15 years. She made a different identity in society through his news.

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