हम भारतीयों के लिए इससे ज्यादा गर्व की बात क्या होगी कि एक भारतीय व्यक्ति को दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी गूगल के सीईओ के रूप में चुना गया हो, आखिर कुछ तो बात है हम भारतवासियो में जिससे कि दुनिया की बड़ी से बड़ी कंपनियां हमारी इतनी दीवानी है।
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सुन्दर पिचई एक झलक A Success Story Hindi
पूरा नाम (Full Name) | पिचाई सुंदरराजन |
Sundar Pichai Age | 49 वर्ष |
जन्मदिन (Birth Date) | 10 जून ,1972 |
जन्म स्थान (Birth Place) | मदुरै, Madurai (तमिलनाडु), भारत (India) |
नागरिकता (Citizenship) | अमेरिकन (American) |
शिक्षा (Education) | B.Tech – IIT खड़गपुर (metallurgical engineering)
MS – स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय Stanford University MBA – पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी (University of Pennsylvania) |
धर्म (Religion) | हिंदू (Hindu) |
भाषा का ज्ञान (Language) | हिंदी, अंग्रेजी, तमिल |
कद (Height) | 5’11 |
पेशा (Occupation) | नौकरी (गगूल के सीईओ) – Google CEO |
Sundar Pichai’s कुल संपत्ति (Net Worth) | $1310 million (Rs 9,745 करोड़ ) – 2021 |
Sundar Pichai Salary | $ 20 लाख डॉलर प्रति माह |
sundar pichai wife | अंजलि पिचाई (Anjali Pichai) |
बच्चों के नाम | काव्या पिचाई (Kavya Pichai)
किरण पिचाई (Kiran Pichai) |
पिता का नाम (father) | रघुनाथ पिचाई (Regunatha Pichai) |
माता का नाम (mother) | लक्ष्मी पिचाई (Lakshmi Pichai) |
सुंदर पिचाई जीवन परिचय
आज हम बात कर रहे हैं सुंदर पिचाई की जिन्होंने मदुरै – तमिलनाडु की गलियों से निकलकर विश्व की सबसे बड़ी कंपनी Google के CEO बनने तक का सफर तय किया।
इस ऊंचाई पर पहुंचना हर किसी के बस की बात तो नहीं थीं लेकिन सच्ची लगन से कुछ कर जाने की इच्छा होना तो इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है
सुंदर पिचाई का वास्तविक नाम पिचाई सुंदर राजन है उनका जन्म 10, जून – 1972 को Channai के पास मदुरै, तमिलनाडु के एक छोटे से गांव में हुआ था ।
उनके पिता का नाम रघुनाथ पिचाई और माता का नाम लक्ष्मी है सुंदर के पिता रघुनाथ पिचाई एक इलेक्ट्रिक इंजीनियर थे और उन्हीं से सुंदर को तकनीक से जुड़ने की प्रेरणा मिली|
जब सुंदर पिचाई 12 साल के थे तब उनके पिता घर में एक लैंडलाइन फोन लाए, आज जो दुनिया के सबसे बड़े टैक कंपनी के शीर्ष स्थान पर कार्यरत हैं उनके जीवन में यह पहला तकनीक से जुड़ा कोई वस्तु था।
एक विशेष गुण जिसने चमकाई जिंदगी
सुंदर पिचाई में एक विशेष गुण था वह अपने टेलीफोन में डायल किए गए नंबरों को आसानी से याद कर लिया करते थे। और आज उनसे वह नंबर पूछे जाने पर उनको वह नंबर याद रहते हैं ।
दरअसल सिर्फ फोन नंबर ही नहीं उन्हें हर प्रकार के नंबर आसानी से याद रह जाते थे।
पढ़ाई में तो वह अच्छे थे ही साथ ही साथ वह क्रिकेट प्रेमी भी थे और अपने स्कूल की क्रिकेट टीम की कप्तानी भी करते थे ।
सुंदर पिचाई प्रारंभिक शिक्षा
सुंदर पिचाई जवाहर विद्यालय में अपनी दसवीं की पढ़ाई पूरी की और चेन्नई के बालावाड़ी स्कूल में 12वी की परीक्षा और फिर आईआईटी खड़कपुर से B.Tech in Metallurgical Engineering इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की|
आखिरकार मेहनत रंग लायी और सुन्दर पिचाई ने हर जगह टॉप किया और IIT में उन्हें रजत पदक से भी सम्मानित किया था।
छात्रवृत्ति पाकर आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने कैलिफ़ोर्निया के स्टेट फोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रवेश ले लिया और भौतिक विज्ञान में मास्टर इन साइंस MS की डिग्री पूरी की आखिर में वह एमबीए MBA की पढ़ाई के लिए व्हार्टन स्कूल यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया चले गए ।
जब बनाया इंटरनेट ब्राऊजर क्रोम
गूगल से जुड़ने से पहले सुंदर पिचाई मेकेंशी और कंपनी एप्लाइड मेटेरियल में अपना योगदान दिया।
पिचाई 2004 में पहली बार गूगल से जुड़े शुरू शुरू में उन्होंने एक छोटी सी टीम के साथ गूगल सर्च बार पर काम किया ।गूगल में काम करते समय सुंदर पिचाई की मन में एक नया आइडिया आया था और वह आइडिया था खुद का इंटरनेट ब्राउज़र बनाने का ।
उस समय के गूगल के सीईओ से पिचाई ने खुद के इंटरनेट ब्राउज़र बनाने की बात कही तो बहुत ही महंगा प्रोजेक्ट कहकर उन्होंने मना कर दिया ।
लेकिन पिचाई ने हार नहीं मानी और गूगल के अन्य पार्टनर से बात करके उनको मना लिया और 2008 में सुंदर पिचाई की मदद से गूगल ने खुद का वेब ब्राउज़र लॉन्च किया जिसका नाम क्रोम Google Chrome दिया गया।
Sundar Pichai Speech In Delhi University
जब चमका किस्मत का सितारा
आज के समय में गूगल क्रोम दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाला वेब ब्राउज़र है यही गूगल कंपनी में सुंदर पिचाई का टर्निंग प्वाइंट था उनकी लगन को देखते हुए उन्हें हर प्रोडक्ट के शीर्ष स्थान प्राप्त होते गए और देखते ही देखते पिचाई सीईओ की दौड़ में भी शामिल हो गए|
गूगल के सीईओ बनने से पहले उनके पास माइक्रोसॉफ्ट Microsoft और ट्विटर Twitter company का भी ऑफर आया लेकिन उनकी लगन और मेहनत को देखते हुए गूगल ने उनको बोनस के रूप में बहुत सारे पैसे देकर उनको रोक लिया गया|
आखिरकार 10 अगस्त 2015 को सुंदर पिचाई को दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी गूगल का सीईओ बना दिया गया।
सरल स्वभाव
इतनी बड़ी सफलता के पीछे सुंदर पिचाई के सरल स्वभाव का भी बहुत बड़ा हाथ है और उनकी सरल स्वभाव की वजह से उन्हें हर कोई बहुत मानता था। ऊंचाईयों को छूने के बाद अक्सर लोगों में एक अलग attitude आजाता हैं। जो कि स्वभाविक भी होता हैं।
एक सरल जिंदगी से उठकर जब व्यक्ति उच्च स्तर पे पहुँचता हैं तो कुछ बदलाव आजाते हैं लेकिन सुंदर पिचाई एक उदाहरण हैं|
इसके लिए कि उन्होंने अपने सरल स्वभाव को बनाएं रखा चाहे वे तमिलनाड की गलियों में जब पढ़ने जाते थे तब अथवा जब वर्षों तक उनके गूगल में कार्य करने के बाद,
जो उच्च स्तर की जिंदगी को जीना शुरू किया तब, उनका सरल स्वभाव भी उनकी उस पहचान में चार चार चांद लगता हैं जो कड़ी मेहनत के बाद मिली।
जब इरादा बना लिया ऊंची उड़ान का
फिर फिजूल है कद आसमान का
सुन्दर पिचाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के साथ
Sundar Pichai Interview with BBC – भारत दिल में बसा है
सुन्दर पिचाई को ट्विटर पर फॉलो करें
निष्कर्ष-
सुंदर पिचाई ने दुनिया को ये साबित करके दिखाया कि जीवन मे असम्भव कुछ भी नहीं हैं। जीवन में जो अगर द्रण निश्चय एवं लग्ग से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ा जाय तो कामयाबी जरूर मिलती हैं।
उन्होंने अपनी मेहनत के दम पे पूरी दुनिया मे अपने नाम का डंका बजाया आज हर कोई जब इस नाम को सुनता हैं तो उदाहरण बतौर बताता हैं कि किस प्रकार मेहनत के दम पे एक साधारण व्यक्ति दुनिया की सबसे बड़ी कम्पनी का सीईओ बना बैठा हैं।
अगर इस कहानी में कुछ गलत जानकारी है तो कृपया comments में हमे बताए, हम उस को सुधारेंगे|
लेखक:
लेखक, समाज सेवी एवं गौसेवा में समर्पित जीव प्रेमी