कचरे के डिब्बे की भी जगह बदलती है तू तो फिर भी इंसान है

Actor Nawazuddin Siddiqui Success Story Hindi
Actor Nawazuddin Siddiqui Success Story Hindi – image credit Twitter

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Success Story Hindi: Actor Nawazuddin Siddiqui

“कचरे के डिब्बे की भी जगह बदलती है तू तो फिर भी इंसान है” यह लाइन किसी लेखक या कवि ने नहीं कही थी, इनकी वक्ता थी– एक माँ। एक ऐसी माँ जिसके बेटे ने अभिनय के क्षेत्र में कई मील के पत्थर गढ़ दिए और अपनी एक अलग पहचान बनाई। उस बेटे का नाम है “नवाजुद्दीन सिद्दीकी”।

एक सपना बॉलीवुड

उत्तर प्रदेश के जिला मुजफ्फरनगर के एक छोटे से गांव बुढाना के रहने वाले हैं नवाजुद्दीन सिद्दीकी। खेती-बाड़ी में घर वालों की सहायता और घर में बड़ों का हाथ बटाना, एक सामान्य दिनचर्या में शामिल था। परंतु मन मे ललक थी, कुछ करने की। शायद दिशा पाने के लिए सालों लगे पर एक शुरुआती चिंगारी की कोई कमी नहीं रही और अंत में यही ललक उन्हें एनएसडी तक पहुंचा गई।

Nawazuddin Siddiqui Success Story Hindi
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Nawazuddin Siddiqui Net Worth, Monthly Income

एनएसडी और स्ट्रगल

देश के सबसे बड़े नाट्य विद्यालय एनएसडी (national school of drama) में चयन हुआ और एक्टिंग की बारीकियां सीखी तथा पूर्ण निष्ठा के साथ मेहनत की और कला में निपुण हुए। अतः एनएसडी की पढ़ाई पूरी की।

एक आम धारणा यह है कि सर्वश्रेठ विद्यालय से निकलते ही हाथों-हाथ रोजगार प्राप्त होता है। शायद कॉर्पोरेट के क्षेत्र में यह कुछ हद तक सच हो परंतु कला और एक्टिंग के क्षेत्र में उतना नहीं। खूब मेहनत की, चौकीदारी का काम भी किया तथा रातों की नींद और दिन का चैन एक किनारे रख कर, अपना अलग मुकाम बनाया।

सफलता

लोगों को इंसान की सफलता के पीछे उसका परिश्रम नहीं दिखता है। सरफरोश, मुन्ना भाई और ब्लैक फ्राइडे के बाद गैंग्स ऑफ वासेपुर में करियर का बड़ा ब्रेक मिला। फैजल के रोल को अमर कर दिया और अपनी एक्टिंग का लोहा भी मनवा लिया। अपनी जगह भी बदली और पहचान भी।
सफलता रातों-रात नहीं आती है उसके लिए सालों का परिश्रम लगता है – नवाजुद्दीन सिद्दीकी का पूरा करियर इसका जीता–जागता उदाहरण है।

“कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों”

Success Story Hindi: Zero To Hero

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लेखक:

Kalpesh Sharma

लेखक, समाज सेवी एवं गौसेवा में समर्पित जीव प्रेमी

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