Business Idea Hindi 2022: छोटे पौधे से करें बडी कमाई, मात्र 5000 रुपये की लागत और इनकम 5 लाख तक फ्यूचर बिज़नेस आइडियाज

bonsai tree Business Idea Hindi
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Low Investment Business Idea Hindi: कॉर्पोरेट जगत, रईसों घरानो में है इस की भरी डिमांड

क्या आपको मालूम है कि वनस्पति की एक ऐसी प्रजाति है जिसे गुडलक माना जाता है? अगर नहीं मालूम तो हम आपको बता देते हैं कि उस प्लांट का नाम है बोन्साई प्लांट (Bonsai Plant)।

जी हां, यह एक ऐसा पौधा है जिसे खेती में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक गुडलक ही माना जाता है। आप भी खेत और कृषि व्यवसाय में रुचि रखते हैं, तो आप बेशक इस पौधे की खेती कर के जरिए अच्छी कमाई हासिल कर सकते हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको यह बताएंगे कि आप किस प्रकार से बोनसाई पौधे की खेती  कर सकते हैं (Ghar Baithe Business Ideas)

हम इस खेती में खर्च होने वाली लागत की भी जानकारी देंगे। अगर आप इस बिजनेस में रुचि रखते हैं मगर आपके पास पर्याप्त रकम नहीं है तो भी चिंता करने की बात नहीं है क्योंकि केंद्र सरकार भी इस खेती के लिए सभी इच्छुक लोगों को आर्थिक सहायता देती है।

इन दिनों बोन्साई को एक लकी प्लांट माना जाता है। अक्सर हम देखते हैं कि इस पौधे का इस्तेमाल घर और ऑफिस में सजावट के लिए किया जाता है। यही वजह है कि आजकल इनकी डिमांड हर दिन बढ़ती ही जा रही है।

वर्तमान समय में इन पौधों की दाम 200 रुपये से लेकर करीब 2500 रुपये तक है। जिन लोगों को बोनसाई प्लांट का क्रेज है तो वो  लोग इसकी मुंह मांगी कीमत भी देने से भी नहीं हिचकिचाते है (गांव में पैसे कमाने के तरीके)।

बोन्साई-  यह शब्द दो शब्दों का मेल है, यानी बोन् और साई। बोन् का अर्थ है ट्रे या फिर कम गहराई वाला बर्तन और साई का अर्थ होता है पौधा लगाना। इस प्रकार  बोन्साई एक जीवित शिल्पकला है, जिसका सदियों पुराना इतिहास है।

हमारे पूर्वजों के अनुसार प्राचीन काल में वैद्य और ऋषि रोगों के उपचार के लिए औषधियां बनाने के लिए वृक्ष पौधों के हिस्से एकत्र करने के लिए जंगल में जाते थे। कुछ समय बाद उन्होंने आवश्यक पौधों के बीज और कलमें गमलों में लगाना शुरू कर दिया और उस बाद धीरे धीरे छोटे पौधे की कटाई छटाई का यह तरीका बोन्साई कला में परिवर्तित होता चला गया।

Bonsai Tree Business Idea Hindi: फ्यूचर बिज़नेस आइडियाज
Bonsai Tree Business Idea Hindi: फ्यूचर बिज़नेस आइडियाज

बोनसाई प्लांट का इतिहास

इतिहासकारों के अनुसार बोन्साई कला की शुरूआत पुरातन एशियाई सभ्यता में से हुई थी। बोनसाई प्लांट की उपज चीन देश में और इसका विकास जापान देश में माना जाता है। समय के साथ-साथ ही पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गया।

बोनसाई कला की विश्व प्रसिद्ध में मंगोल जाति ओर बुद्ध धर्म के के लोगों ने भी अपना योगदान दिया है। बोन्साई कला सबसे प्राचीन और उत्कृष्ट नमूना यानी दुनिया का सबसे पुराना पौधा जापान की राजधानी टोक्यो में मौजूद है। इस पौधे की उम्र 500 वर्ष से भी अधिक मानी जाती है ।

जापानी लोगों के लिए यह पौधा एक राष्ट्रीय खजाना है। हमारे देश में भी सन 1972 में महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर में ” इंडियन बोन्साई सोसाइटी”  की स्थापना की गई है। देश का पहला बोन्साई गार्डन सन् 1990 के दौरान कमला नेहरू पार्क, मुंबई शहर में बनाया गया है।

आसान भाषा में कहें तो बोन्साई का अर्थ है बड़े—बड़े बरगद, पीपल, इमली,नीम आदि जैसे पौधों को छोटे गमलों में उगाना। लेकिन अब यह सिर्फ कला तक ही सीमित ना होकर वैज्ञानिक तकनीकी काम भी है। किसी भी बरगद या पीपल जैसे पौधे को कम गहराई वाले गमले में लगा लेने से बोन्साई तैयार नहीं हो जाती।

पौधों की बुआई करने से पहले तो यह बात भी तय कर लेनी चाहिए कि पौधे को कौन सा आकार कौन सा देना है। यह काम सिर्फ एक या दो साल तक ही सीमित नहीं रहता। एक बेहतर से बेहतर बोन्साई तैयार करने के लिए सालो मेहनत लगानी पड़ती है।

इसलिए, हमें इस बात की जानकारी होनी ही चाहिए कि सालों की मेहनत के अलावा भी हमारे बनाए बोन्साई पौधों का आकार कैसा होगा। तकनीकी तौर पर देखें यह स्टाइल मुख्य रूप में 6 से 7 प्रकार के होते हैं। इस बारे  में डिटेल्स में चर्चा करना इस एक आर्टिकल  में संभव नहीं है। किंतु फिर भी  कुछ महत्वपूर्ण बातें या तकनीकी बातों का ध्यान रखना बेहद ही जरूरी है, वे कुछ इस प्रकार हैं:

बोनसाई प्लांट
बोनसाई प्लांट

पौधों की बुआई के लिए गमलों का चयन

बोन्साई पौधों की बुआई के लिए आम गमले का उपयोग नहीं होता है। इन पौधों की बुआई में इस्तेमाल किए जाने वाले गमलों की गहराई बहुत ज्यादा नहीं होती, परंतु वे गोलाकार, चौकन्ने, अंडाकार, छकन्ने जैसी विभिन्न दिखावट के हो सकते हैं।

bonsai plant business
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बोनसाई पौधों का चयन

बोन्साई को आर्कषक रूप तैयार करने के लिए पौधे का चयन ही सबसे अहम हिस्सा है क्योंकि हर एक पौधे का विकास और दिखावट अलग अलग होती है और साथ ही यह भी याद रहे कि हर एक पौधे को हम बोन्साई का रूप नहीं दे सकते है।

हमारे देश की आबोहवा के मुताबिक में जिन पौधों का बतौर बोनसाई इस्तेमाल किया जा सकता होता है, वह है — बरगद,पीपल,शहतूत  पिलकन,चील,चिलकन, आड़ू, अनार,  विस्टीरिया, जूनीपरस, करौंदा, आम, बोगनविलीया, नारंगी, अडीनीयमनीम, , बोतलब्रश, चाईना रोज़, आदि मुख्य हैं।

Bonsai Good Luck Tree
Bonsai Good Luck Tree

पौधे की कांट – छांट

जिन गमलों में पौधे उगाना चाहते हैं उन में मिट्टी ही गमले में मौजूद छेद को ढकने के साथ ही निचली सतह पर बारीक कंकड़ पत्थर आदि की सतह  बनानी पड़ती है। उस बाद मिट्टी,  गली हुई गोबर की खाद का मिश्रण तैयार करने के बाद ही पौधा लगाया जाता है।

अब असली काम तो पौधे लगाने के बाद ही  शुरू होता है, जैसे की उसकी कांट—छांट सही समय पर योग्य ढंग से करनी चाहिए। इन पौधों की बुआई के कुछ समय बाद जड़ों का गुच्छा बन जाता है, फिर इन्हें री—प्लांटिंग की जरूरत पड़ती है और पौधे को गमले से  निकालकर अतिरिक्त जड़ों की योग्य कांट —छांट की जाती है।

इन पौधों की बुआई के बाद अच्छे परिणाम के बाद का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। पौधे की के बाद खूबसूरत दिखावट देने के लिए वायरिंग (तांबे या एल्युमीनियम की तार) की लपेट की जाती है। इन सभी कामों को सही समय और ढंग से करने के लिए कई तरह के औज़ारों की भी मार्केट में आसानी से मिल जाते हैं। इन पौधों को पानी देने में गर्मी—शरद ऋतु का भी ख्याल करना पड़ता  है।

बोनसाई प्लांट की खेती का कुल खर्च

अगर आप भी इस गुडलक पौधे की खेती करने का मन बना चुके हैं और तो आप बहुत ही कम रकम से इस बिजनेस का आरंभ कर सकते हैं। किंतु, एक बात याद रहे कि कोई भी बिजनेस के स्टार्ट होते ही हमें प्रोफिट नहीं मिलता। हमें मुनाफा हासिल करने के लिए धैर्य रखते हुए कुछ इंतजार करना पड़ता है इस तरह से इस पौधे की खेती करने के बाद प्रॉफिट मिलने में आपको भी थोड़ा समय तो लगेगा ही क्योंकि बोनसाई प्लांट को तैयार होने में कम से कम दो से पांच साल का समय तो लगता ही है।

फिर भी अगर आप इतना इंतजार करना नहीं चाहते तो फिर आप किसी नर्सरी से तैयार पौधे लाकर उन्हें 50 से 70 परसेंट ज्यादा कीमत पर भी बेच सकते है।

इस बिजनेस की आवश्यकताएं

बोनसाई प्लांट के बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको 100 से 150 वर्ग फुट जमीन,साफ पानी, रेतीली मिट्टी या फिर रेत, गमले और कांच के पॉट, पतला तार, जमीन या फिर छत, साफ कंकड़ या फिर कांच की साफ गोलियां,  प्लांट पर पानी छिड़कने के लिए स्प्रे बॉटल और पौधों पर शेड बनाने के लिए ग्रीन जाली आदि की आवश्यकताएं रहेंगी।

आप इस बिजनेस को छोटे पैमाने पर शुरू करना चाहते हैं तो आपको करीब 5 हजार रुपये का निवेश करना पड़ेगा। वहीं, अगर थोड़ा सा स्केल बढ़ा देते तो 20000/- बीस हजार रुपये तक का खर्च आ सकता है। बोन्साई पौधों की खेती में तीन साल के समय में करीब 240 रुपये एक प्लांट की लागत आएगी, जिसमें से 120 रुपये प्रति प्लांट सरकारी मदद मिलेगी।

नार्थ ईस्ट के अलावा अन्य क्षेत्रों में बोनसाई खेती के लिए सरकार की तरफ से 50 प्रतिशत तक की राहत मिलेगी। 50 प्रतिशत सरकारी शेयर में 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य की हिस्सेदारी रहेगी। वहीं, नार्थ ईस्ट में सरकार 60 प्रतिशत  सहायता करेगी। इसमें भी 60 प्रतिशत सरकारी पैसे में 90 प्रतिशत केंद्र और 10 प्रतिशत राज्य सरकार का शेयर शामिल होगा। आप जिस राज्य में रहते हैं उस जिले के नोडल अधिकारी आपको इस अनुदान की पूरी जानकारी  देंगे।

4 साल बाद होगी 5 से 7.5 लाख रुपये की कमाई

बोनसाई व्यवसाय सीमित स्थान वाले गार्डनर्स के लिए एक योग्य  आय अर्जित करने का एक शानदार तरीका हो सकता है। बोन्साई पौधों की प्रजाति और आवश्यकता अनुसार आप एक हेक्टेयर में  करीब 1500 से 2500 पौधौ की बुआई कर सकते हैं।अगर आप 3 * 2.5 मीटर पर  एक पौधा लगा रह हैं तो  इस हिसाब से एक हेक्टेयर में करीब 1500 बोनसाई प्लांट लगेंगे।

इसके साथ ही अगर आप चाहें तो दो पौधों के बीच बची हुई जमीन में दूसरी फसल भी उगा सकते हैं। इस प्रकार आपको 4 साल के बाद 5 से 7.5 लाख रुपये की कमाई होगी।  इस पौधे की सबसे खास बात तो यह है कि इसमें आपको प्रति वर्ष  रिप्लांटेशन करने की  भी जरूरत नहीं है क्योंकि बोनसाई की पौध करीब 40 साल तक चलती रहती है।

Conclusion:

बोनसाई पौधे की बुआई से पहले और बाद में अगर सभी काम सही ढंग से किए जाते हैं तो विकास होने पर पौधे हर देखने वाले का मन मोह लेते हैं।

हम ने इस आर्टिकल के द्वारा आपको बताया कि बोन्साई बनाना कोई कठिन काम नहीं है। किंतु, धैर्य और परिश्रम और योग्य रख-रखाव ही इनकी सबसे अहम ज़रूरतें हैं । अगर आप कोई परिश्रम करना नहीं चाहते या फिर आप  इस बिजनेस में मोटी रक्म खर्च कर सकते हैं तो फिर आप बने बनाए बोन्साई पौधे नर्सरियों से खरीदकर भी अपनी इच्छा को पूरी कर सकते हैं।

जब आप मार्केट  में अपने बोनसाई पेड़ों की बिक्री शुरू करने के लिए तैयार हैं, तो आप आसानी से एक महीने में एक स्टोरफ्रंट खोल सकते हैं और दोनों निश्चित कीमतों और नीलामी का उपयोग करके आप इसे बेच सकते हैं।

यदि आप अपने बोनसाई पौधों को स्थानीय रूप से बेचना पसंद करते हैं, तो आप ग्राहकों को अपने पौधो की तरफ आकर्षित करेंगे और  उन्हे बताएंगे की वे एक उमदा चीज खरीद रहे हैं।

बोनसाई पौधे पॉप्युलर गिफ्ट भी  हैं, इसलिए क्रिसमस, वेलेंटाइन डे और मदर्स डे और अन्य  छुट्टियों के समय के दौरान इनकी बिक्री में वृद्धि भी हो सकती है।

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अगर इस लेख में कुछ गलत जानकारी है तो कृपया comments में हमे बताए, हम उस को सुधारेंगे

लेखक:

Kalpesh Sharma

लेखक, समाज सेवी एवं गौसेवा में समर्पित जीव प्रेमी

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