Agriculture Business Ideas In Hindi : इस चावल की देश-विदेश में भारी डिमांड से खूब मालामाल हो रहे हैं किसान

Black Rice Kheti Agriculture Business Ideas In Hindi
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Black Rice Kheti Agriculture Business Ideas In Hindi काले चावल की खेती

इस आर्टिकल में हम आपको  काले चावल के व्यवसाय से संबंधित सारी ही जानकारी देंगे। इसके अलावा आप यह भी जान पाएंगे कि इस व्यवसाय से आप कितना मुनाफा हासिल कर पाएंगे।

काले चावल से हमें विटामिन, मिनरल्स और आयरन जैसे खनिज पदार्थ भरपूर मात्रा में मिलते हैं और शुगर सिर्फ नाम मात्र में है। इसके अलावा काले चावल को नेचुरल डिटोक्सीफायर माना जाता है। काले चावल के स्वास्थ्य संबंधित लाभ और इसकी बढ़ती हुई मांग ने इसे एक बहुत ही लाभकारी व्यवसाय बना दिया है।

इन दिनों पूरे देश में काला चावल का व्यवसाय और इसका इस्तेमाल भी बहुत ही तेजी से बढ़ता जा रहा है।

इस बारे मैं मेडिकल साइंस की रिपोर्ट कहती है कि काले चावल में कैंसर जैसी लाईलाज और खतरनाक बीमारी से लड़ने लिए बहुत ही कारगर गुण होते है। अब तो डाॅक्टर भी काले चावल का इस्तेमाल करने की सलाह दे रहे है। जिसके कारण अब लोग भी इसका अधिक से अधिक इस्तेमाल कर रहे है।

काला चावल हमारी सेहत के अलावा किसानों को भी बहुत ही मुनाफा दे रहा है। साथ ही आम तौर पर इस्तेमाल में लिए जाने वाले सफेद चावल के मुकाबले काले चावल की कीमत 500 प्रतिशत अधिक होती है। बाजार भाव 400 – 500 रुपये प्रति किलो का रहता है

काले चावल के फायदे

  • मोटापा घटाने में सहायक है
    हर्ट अटैक की संभावना को कम करता है
    पाचन को मजबूत करता है
    कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में सहायक है
    एंटीऑक्सीडेंट होने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है
    शरीर की सफाई करता है
    शुगर बहुत कम मात्रा में होता है जिससे मधुमेह रोगी इसे खा सकते हैं

काले चावल की भारत में खेती कहां होती है

हमारे देश के पूर्वोत्तर राज्य असम, मणीपुर जैसे राज्यों के अधिकांश हिस्सों में काले चावल की  खेती की जा रही है। वहां के किसान काले चावल की खेती से काफी मुनाफा हासिल कर रहे हैं। असम और मणिपुर के किसानों की तर्ज पर अब पंजाब के किसानों ने भी इसकी खेती शुरू कर दी है।

साथ ही उत्तर प्रदेश में भी अब काले चावल की खेती (kale chawal ki kheti) बड़े पैमाने पर होने लगी है।

वैसे काले चावल की खेती के लिए किसी विशेष आबोहवा की आवश्यकता नहीं होती है। हमारे पारंपरिक चावलों की खेती की तरह ही इस धान्य की खेती की जाती है। कम बरसात वाले क्षेत्रों में भी काले चावल की खेती सफलता पूर्वक होती है।

आमतौर पर जहां सफेद चावल 80 रूपए किलो तक बिकता है वही काला चावल 350 रूपए किलो से 500 रूपए किलो के दाम तक बड़ी ही आसानी से बिक जाता है। काले चावल की खेती में अन्य चावल की खेती की तुलना में कम मात्रा में पानी की जरूरत होती है।

असम राज्य में इससे होने वाले लाभ को देखते हुए ही वहां के  किसान भी काले चावल की खेती करने में अधिक रूचि ले रहे है। किसानों की इस धान्य उत्पादन की रुचि को केंद्र में रखकर वहां की सरकार भी लोगों को प्रोत्साहन देने के लिए मदद कर रही है।

अगर आपके क्षेत्रों में भी पारंपरिक चावल की खेती होती है तो आप उस इलाके में काले चावल की खेती शुरू कर अच्छा लाभ हासिल कर सकते हैं।

ये चावल दिखने में और स्वाद में सफेद चावल से बिल्कुल ही अलग होते हैं। अगर हम यह कहें कि यह एक प्रकार की औषधि है तो इसमें भी कोई हर्ज नहीं है। काले चावल में शुगर का प्रमाण बहुत ही कम होने के कारण डायाबिटिज के मरीज भी बिला झिझक इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

जगह की आवश्यकता

वैसे तो काले चावल के (kale chawal ka business) व्यवसाय / ब्लैक राइस प्रोसेसिंग बिज़नेस को शुरू करने के लिए 1000 -1200 sqft की जमीन की आवश्यकता रहती है। लेकिन अगर आप चाहें तो इससे कम जगह में भी आप इस बिजनेस को आसानी से शुरू कर सकते हैं।

काले चावल की खेती
काले चावल की खेती

काले चावल प्रोसेसिंग के व्यवसाय में कच्चा माल

इस व्यवसाय में कच्चे माल के रूप में आपको बीज और पेकिंग के उच्च क्वालिटी के मटिरियल की आवश्यकता रहती है। व्यवसाय का यह स्वरूप दो प्रकार के व्यवसाय यानी उत्पादन या काले चावल की खेती भी कह सकते हैं और फेक्ट्री का समन्वय – धान से चावल बनाने की प्रक्रिया है।

 काले चावल की खेती की संपूर्ण जानकारी

इस प्रक्रिया में काले चावल को उगाने और कटाई से पहले बीज को विक्रेताओं से खरीदकर लाया जाता है। उसके बाद नर्सरी/पौध तैयार की जाती है। उस बाद काले चावल की बुआई से लेकर कटाई की सारी प्रक्रिया का योजना बद्ध तरीके से पालन किया जाता है।

नर्सरी तैयार हो जाने के बाद इस प्रक्रिया के दुसरे चरण का पालन होता है जिसमें काले चावल की रोपाई की जाती है। तीसरे चरण की शुरुआत ट्रांसप्लांटेशन की प्रक्रिया के बाद शुरू होती है। लेकिन तीनों में से यह चरण काले चावल की फसल संपूर्ण तौर पर तैयार हो जाने तक चलता रहता है।

यह चरण तीनों चरणों में से सबसे लंबा चरण है। इस लिए इस चरण के लिए सबसे अलग योजना एवं प्रबंधन की आवश्यकता रहती है।

फसल की कटाई हो जाने के बाद चौथे चरण की शुरुआत होती है। कटाई के बाद चौथा चरण समाप्त हो जाता है। अब पांचवां चरण काटी हुइ फ़सल से धान निकालना होता है। उस बाद प्राप्त धान की उचित पैकिंग कर उसे चावल की मिलों में पहुंचा दिया जाता है।

अब इस व्यवसाय का दुसरा भाग यानी की काले चावल की मिलों में होने वाली प्रक्रिया शुरू हो जाती है। यह व्यवसाय का स्वरूप चावल में मौजूद पोषक तत्वों का नाश होने से बचाने के लिए मशीन द्वारा की जाने वाली प्रक्रियाएं बहुत ही कम करते हैं।

इसलिए इस व्यवसाय के इस दुसरे भाग में सिर्फ दो ही चरण शामिल हैं। यहां धान को खेतों से लाकर कच्चे माल के गोदाम में संग्रहित किया जाता है। उस बाद फेक्ट्री में चावल पर सिर्फ एक बार ही मशीन प्रकिया होती है। उस बाद साफ किए गए काले चावल को तोल कर उच्च गुणवत्तायुक्त थैली में या बॉक्स / डब्बा में पैक किया जाता है। उस बाद इस पैकेट को मार्केट में बिक्री के लिए भेजा जाता है।

वैसे आपको बता दें कि काले चावल की सारी ही प्रकिया सफेद चावल से कुछ भी अलग नहीं है। काले चावल की खेतों से कटाई करने के बाद आप उसे सीधा मिलों में भेज सकते हैं या फिर अपना अलग एक सेट अप भी शुरू कर सकते हैं।

इसमें जो हस्क यानी भूंसा निकलता है आपको उसे बड़े ध्यान से अलग करना होता है। हस्क निकालते समय इसकी उपरी सतह न निकल जाए इस बात का ख्याल रखना भी बेहद ही जरूरी है। इस उपरी सतह को आम भाषा में पाॅलिश कहा जाता है। उस बाद आप काले चावल की ग्रिडिंग यानी कटिंग कर लिजिए क्योंकि चावल का हर दाना कुदरती स्वरूप में एक आकार का नहीं होता है।

इस में जो टूटे हूए चावल  निकलते हैं, आप उसे भी अलग पैकिंग कर बैच सकते हैं। इस प्रकार आप के धान उत्पादन का एक भी दाना बेकार नहीं जाएगा और नाही आपको नुकसान होगा।

काले चावल प्रोसेसिंग बिज़नेस के लिए कर्मचारियों और मशीनों की आवश्यकता

इस ब्लैक राइस प्रोसेसिंग बिज़नेस में आपको 4-5 कर्मचारियों की आवश्यकता रहती है। इसके अलावा मशीनों में आपको  मिलिंग मशीन, ग्रेडिंग मशीन, पैकिंग मशीन, सिलिंग मशीन और बाम्बू सिव की आवश्यकता रहती है। इसके अलावा 10k Watt बिजली की आवश्यकता रहती है।

इस ब्लैक राइस प्रोसेसिंग बिज़नेस में आपको पांच से छह लाख की लागत आएगी। आप इतनी लागत से ही बीस से पच्चीस प्रतिशत  20-25% तक मुनाफा हासिल कर सकते हैं।

काले चावल के प्रोसेसिंग व्यवसाय के लिए जरूरी दस्तावेज

इस व्यवसाय के लिए जरूरी दस्तावेजों की सूची निम्नलिखित हैं

  1. FSSAI का लायसेंस
  2. जीएसटी नंबर

निष्कर्ष:

किसी भी किसान या व्यवसाय करने वाले व्यक्ति के लिए यह फायदेमंद Agriculture Business Ideas In Hindi है। इसके अलावा अगर किसी की इस व्यवसाय में सुझबुझ भी बेहतरीन है और मार्केटिंग आदि की भी सही समझ है तो वह व्यवसायिक तीस से पैंतीस प्रतिशत का मुनाफा कमा सकते हैं।

अगर आपके पास पर्याप्त रकम नहीं है तो आप सरकार द्वारा मुहैया की जा रही विविध अनुदान योजनाओं का लाभ भी ले सकते हैं।

काले चावल के लिए बीज आप विक्रेताओं के अलावा ऑनलाइन भी मंगवा सकते हैं। साथ ही आप अपनी फेक्ट्री में पैक किए काले चावल की ऑनलाइन बिक्री भी कर सकते हैं।

काले चावल की खेती की विस्तृत  जानकारी के लिए आप अपने पास के कृषि विश्वविद्यालय में जाकर वहां से इस खेती और उत्पादन से संबंधित विस्तृत जानकारी ले सकते हैं।

काले चावल की खेती को अगर हम व्यवसाय की तरह करेंगे तो वह अधिक फायदेमंद होगी। अगर आप खानदानी किसान है और खेती करते है तो परंपरा को तोड़कर कुछ नया किजिए। आपको आपकी कल्पना से भी अधिक लाभ मिलता है।

इसके अलावा आप इस व्यवसाय में सफलता पाने के लिए कृषि संबंधित पुस्तकें को भी पढ़े और कृषि संबंधित सेमीनारों में हिस्सा लें। साथ ही अपने आसपास के इलाकों में नए प्रयोग करके खेती करने वाले किसानों से मिल कर उनकी सलाह लें। इस का फायदा यह होगा की आपका ज्ञान भी बढ़ेगा और आप कुछ नया करके उत्पादन बढ़ाने के बारे में सोचेंगें।

Agriculture Business Ideas In Hindi: ब्लैक राइस प्रोसेसिंग बिज़नेस के बारे और जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें

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लेखक:

Kalpesh Sharma

लेखक, समाज सेवी एवं गौसेवा में समर्पित जीव प्रेमी

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